SHIV CHALISA IN HINDI FUNDAMENTALS EXPLAINED

shiv chalisa in hindi Fundamentals Explained

shiv chalisa in hindi Fundamentals Explained

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कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥

।।शिव चालीसा।। आनंद की अनुभूति दिलाने वाले भगवान भोलेनाथ का शिव चालीसा पढ़ने का अलग ही महत्व है। शिव चालीसा के माध्यम से अपने सारे दुखों को भूला कर शिव की अपार कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥

वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

देवो के हित विष पी डाला, नील कंठ को कोटि प्रणाम, नील कंठ को कोटि प्रणाम

किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥

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श्री शिव जी परम दयालु हैं। वह अपने भक्तों पर अतिशीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। श्री शिव जी अपने ऐसे ही सरलता के कारण जनमानस में सबके प्रिय देवता हैं। आज यहां पर हम श्री शिव जी के सबसे लोकप्रिय भजनों का लिरिक्स जानेंगे।

अर्थ- माता मैनावंती की दुलारी अर्थात माता पार्वती जी आपके बांये अंग में हैं, उनकी छवि भी अलग से मन को हर्षित करती है, तात्पर्य है कि आपकी पत्नी के रुप में माता पार्वती भी पूजनीय हैं। आपके हाथों में त्रिशूल more info आपकी छवि को और भी आकर्षक बनाता है। आपने हमेशा शत्रुओं का नाश किया है।

एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥ 

शिव को भजले सुख पायेगा, मन को आएगा आराम, मन को आएगा आराम

जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥

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